डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद का जीवन परिचय हिन्दी में (DR RAJENDRA PRASAD IN HINDI)
जीवन परिचय :-
स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति और प्रमुख विचारक डॉ राजेंद्र प्रसाद जी का जन्म 3 दिसम्बर 1884 ई को बिहार राज्य के छपरा जिले के जीरादेई नामक गांव में हुआ था। इन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय मे एम0 ए0 और एम0 एल0 कि इन्होंने कोलकाता और पटना उच्च न्यायालय में वकालत की। गांधी के आदर्शों से प्रभावित होकर आजादी के आंदोलन में भाग लिया। तीन बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सभापति चुने गए तथा भारत के प्रथम राष्ट्रपति रहे। इन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया इनकी मृत्यु सन 1963 ई0 को हुई।
साहित्यिक परिचय :-
डॉ राजेंद्र प्रसाद उच्च कोटि के साहित्यकार थे। इन्होंने अपनी रचनाओं के द्वारा हिंदी साहित्य की पर्याप्त सेवा की है। इन्होंने राजनैतिक, सामाजिक और दार्शनिक विषयों के साथ साथ सांस्कृतिक विषयों पर भी लेखन कार्य किया। इन्हीं के प्रयासों के फलस्वरूप कोलकाता में ‘हिंदी साहित्य सम्मेलन’ की स्थापना हुई। इन्होंने ‘देश’ नामक पत्रिका का सफल संपादन किया।
कृतियां :- भारतीय शिक्षा, गांधी जी की देन, शिक्षा और संस्कृति, साहित्य, मेरी आत्मकथा, बापूजी के कदमों में, मेरी यूरोप यात्रा, संस्कृत का अध्ययन, चंपारन में महात्मा गांधी, खादी का अर्थशास्त्र आदि।
भाषा शैली :- इनकी भाषा संस्कृति, उर्दू, अंग्रेजी के शब्दों से युक्त व्यावहारिक खड़ी बोली है। इनकी शैली विवेचनात्मक, भावात्मक एव आत्म कथात्मक है।
हिंदी साहित्य में स्थान :- डॉ राजेंद्र प्रसाद एक सफल लेखक और उच्च कोटि के भारतीय विचारक थे। सामाजिक, शैक्षिक सांस्कृतिक आदि विभिन्न विषयों पर इनके द्वारा लिखे गए लेख हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर है।